क्रिकेट एक रोमांचक और रणनीतिक खेल है जो बल्ले और गेंद से खेला जाता है। इसमें दो टीमें होती हैं, प्रत्येक में 11 खिलाड़ी होते हैं। खेल का उद्देश्य अधिकतम रन बनाना और विरोधी टीम के बल्लेबाजों को आउट करना होता है। खेल का मैदान अंडाकार होता है, जिसके केंद्र में 22 गज लंबी पिच होती है। प्रत्येक छोर पर तीन-तीन स्टंप्स होते हैं, जिन पर बेल्स रखी जाती हैं।
क्रिकेट की शुरुआत 16वीं सदी के अंत में इंग्लैंड में हुई थी, और 1744 में इसके पहले आधिकारिक नियम बनाए गए थे। 18वीं सदी में यह खेल भारत सहित ब्रिटिश उपनिवेशों में फैल गया। 1877 में पहला टेस्ट मैच खेला गया, और 2003 में ट्वेंटी20 प्रारूप की शुरुआत हुई, जिसने खेल को और भी लोकप्रिय बना दिया।
क्रिकेट के मुख्य प्रारूप हैं: टेस्ट (5 दिन), वनडे (50 ओवर) और T20 (20 ओवर)। खेल की शुरुआत टॉस से होती है, जिसमें विजेता टीम पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी का निर्णय लेती है। बल्लेबाज जोड़ी में खेलते हैं और रन बनाने का प्रयास करते हैं, जबकि गेंदबाज और फील्डर उन्हें आउट करने का प्रयास करते हैं। आउट होने के विभिन्न तरीके हैं, जैसे बोल्ड, कैच, रन आउट, और एलबीडब्ल्यू।
क्रिकेट में खेल भावना, अनुशासन और टीमवर्क का विशेष महत्व है। यह खेल न केवल मनोरंजन का स्रोत है, बल्कि यह खिलाड़ियों में नेतृत्व, धैर्य और रणनीतिक सोच को भी विकसित करता है। भारत में क्रिकेट एक धर्म की तरह माना जाता है, और यह देश की सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
यहाँ क्रिकेट के तीन मुख्य प्रारूपों—टेस्ट, वनडे, और टी20—और उनके नियमों का विस्तृत परिचय एक शानदार पैराग्राफ में प्रस्तुत है
🏏 1. टेस्ट क्रिकेट (Test Match)
- अवधि एवं संरचना: 5 दिन तक चलता है, हर दिन कम से कम 90 ओवर (तीन सत्र × ~30 ओवर) खेले जाते हैं। प्रत्येक टीम को 2–2 इनिंग्स मिलती हैं।
- टॉस व प्रारंभ: टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी चुनती है।
- Follow‑on नियम: यदि 1st इनिंग में टीम A, टीम B से ≥200 रन आगे हो, तो B को तुरंत दूसरी इनिंग खेलने के लिए कहा जा सकता है ।
- इनिंग्स समाप्ति: सभी विकेट गिरने पर ‘all out’, कप्तान द्वारा घोषणा (‘declare’) करके, या लक्ष्य पूरा होने पर इनिंग्स बंद हो सकती है।
- परिणाम: यदि पूरे 5 दिन खेलते हुए कोई टीम पूरी तरह से आउट नहीं होती, तो ड्रा हो सकता है; स्कोर कभी टाई भी हो सकता है ।
- DRS (Decision Review System): हर इनिंग में 3 unsuccessful reviews टीम को मिलते हैं (total दो per innings) और ‘umpire’s call’ में review का खर्च नहीं होता।
- बॉल, यूनिफॉर्म, ब्रेक्स: पारंपरिक तौर पर लाल बॉल व सफ़ेद कपड़े; दिन में प्रथम 80 ओवर गेंद एक जैसी रहती है, फिर नई गेंद ली जा सकती है। दो ब्रेक — लंच (40 मिनट) और टी ब्रेक (20 मिनट) — बीच में आते हैं
🌍 2. वनडे क्रिकेट (One Day International – ODI)
संरचना: एक दिन में, हर टीम को 50 ओवर मिलते हैं, प्रत्येक में 6 गेंदें।
टॉस व इनिंग्स: टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी चुनती है; हर टीम एक इनिंग खेलती है।
गेंदबाज़ सीमा: प्रत्येक गेंदबाज़ अधिकतम 10 ओवर फेंक सकता है
Fielding Restrictions / Powerplay:
- ओवर 1‑10: केवल 2 फील्डर 30-यार्ड सर्कल से बाहर
- ओवर 11‑40: max 4 फील्डर
- ओवर 41‑50: max 5 फील्डर outside circle।
No-ball और Free Hit: कोई‑बॉल होने पर अगली गेंद में batter free hit पाता है, जिसमें आउट होने के सिर्फ कुछ सीमित तरीके होते हैं ।
DRS: हर इनिंग में दो unsuccessful reviews मिलते हैं; umpire’s call पर review खर्च नहीं होता।
बॉल परिवर्तन नियम (2025 अपडेट): जून 2025 से शुरुआत की 34 ओवर तक दो नई गेंदों का प्रयोग, उसके बाद फील्डिंग टीम किसी एक गेंद को चुनकर पूरे innings में खेल सकती है—इससे reverse swing को बढ़ावा मिलता है।
Target Adjustment (Rain rule): बारिश आदि की वजह से मैच कटने पर Duckworth‑Lewis‑Stern (DLS) पद्धति से लक्ष्य निर्धारित किया जाता है।
⚡ 3. टी20 क्रिकेट (Twenty20 International – T20I)
संरचना: सबसे छोटा इंटरनेशनल फॉर्म—प्रत्येक टीम को केवल 20 ओवर मिलते हैं।
पहली टी20 आई मैच: 17 फ़रवरी 2005 (ऑस्ट्रेलिया vs न्यूज़ीलैंड) था, और पहला T20 विश्व कप 2007 में आयोजित हुआ था।
गेंदबाज़ सीमा: प्रत्येक गेंदबाज़ अधिकतम 4 ओवर फेंक सकता है।
Powerplay: पहले 6 ओवर (mandatory)—max 2 फील्डर 30-यार्ड सर्कल से बाहर; ओवर 7‑20 में पांच फील्डर allowed outside circlets ।
Free Hit नियम: कोई‑बॉल होने पर अगली गेंद free hit होती है, जैसे ODI में होती है।
DRS नियम: हर इनिंग में दो unsuccessful reviews मिलते हैं; umpire’s call पर review नहीं गँवाया जाता।
नयी ICC शर्तें (2025): wide ball की व्याख्या सख्त हुई है, concussion substitute, DRS wicket‑zone अपडेट आदि लागू किए गए हैं; ये बदलाव सभी इंटरनेशनल formats (ODI और T20I सहित) पर प्रभाव डालते हैं
प्रारूप | इनिंग्स | ओवर सीमा | गेंदबाज़ की सीमा | मैच अवधि |
---|---|---|---|---|
टेस्ट | 2 + 2 | — | कोई नहीं | 5 दिन, ≥90 ओवर/दिन सत्रों में |
वनडे (ODI) | 1 + 1 | 50 ओवर | 10 ओवर/गेंदबाज़ | ~7–8 घंटे |
टी20 (T20I) | 1 + 1 | 20 ओवर | 4 ओवर/गेंदबाज़ | ~3–4 घंटे |
⚙️ क्रिकेट के नियम
- मैदान और पिच
क्रिकेट एक ओवल-आकार के मैदान पर खेला जाता है, मध्य में 22 यार्ड (≈20 मीटर) लंबी पिच होती है जहाँ से गेंदबाज़ गेंद फेंकता है और बल्लेबाज़ खेलता है । - उद्देश्य
बल्लेबाज़ रन बनाना चाहते हैं, जबकि विपक्षी टीम उन्हें आउट कर रन रोकने की कोशिश करती है। विजेता वही टीम होती है जिसका रन अधिक हो । - इनिंग्स
हर टीम को क्रम से बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों के अवसर मिलते हैं। इनिंग तब समाप्त होती है जब 10 बल्लेबाज़ आउट हों, ओवर समाप्त हो जाए (ODI/T20), या कप्तान घोषणा कर दे (टेस्ट में) । - अपराध (Dismissals / आउट)
प्रमुख तरीके:- बोल्ड (Bowled): गेंद सीधे स्टम्प्स से लगी
- कैच (Caught): बिना बाउंस के पकड़ा गया
- LBW (Leg Before Wicket): पैर से स्टम्प्स को रोका गया
- रन आउट, स्टम्प्ड, हिट विकेट इत्यादि ।
- ओवर और गेंदबाज़ी
एक ओवर में 6 गेंदें होती हैं, फिर दूसरा गेंदबाज़ आता है। लगातार दो ओवर एक ही गेंदबाज़ नहीं फेंक सकता । - Umpires & Scorers
मैच में दो ऑन‑फील्ड अंपायर होते हैं, एक तीसरा अंपायर (Video Review) और स्कोरर मैदानी निर्णय और स्कोरिंग को रिकॉर्ड करते हैं ।
👥 टीम में खिलाड़ी कितने रहते हैं?
एक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं (एक कप्तान सहित), जिसमें बल्लेबाज, गेंदबाज, व विकेटकीपर शामिल हैं ।
मैच के दौरान ऑफिशियली 13 खिलाड़ी मैदान पर होते हैं — 2 बल्लेबाज और 11 फील्डिंग टीम से (fielding side comprises 11 including bowler and keeper) ।
Substitute खिलाड़ी केवल fielding कर सकते हैं—नहीं बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी कर सकते ।
IPL जैसी लीगों में ऐसा भी होता है कि एक अतिरिक्त खिलाड़ी को Impact Player के तौर पर टैक्टिकली बदलने के लिए रखा जाता है
टीम की संरचना
1. बल्लेबाज़ (Batsmen)
- Opener (1 & 2): शुरुआत करते हैं, नए गेंद को संभालना, रन बनाना।
- Middle order (3–5): स्कोर का निर्माण, स्थिरता लाना।
- Finisher / Lower order (6–7): अंत में तेजी से रन बनाना, टीम को मजबूत टोटल दिलाना ।
2. गेंदबाज़ (Bowlers)
- Fast bowlers / Pacers: तेज गति से गेंदबाज़ी करते हैं, स्विंग, सीम मूवमेंट से विकेट लेते हैं।
- Spinners (Off-spin, Leg-spin): धीमी गेंदबाज़ी कर गेंद को घूमाने (spin) परोसते हैं, बल्लेबाज को फँसाते हैं ।
- हर टीम में आम तौर पर 3–5 गेंदबाज़ होते हैं; सीमित ओवरों (T20/ODI) में हर गेंदबाज़ की ओवर सीमा होती है ।
3. All-rounder
- बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ दोनों में सक्षम खिलाड़ी होते हैं।
- टीम में लचीलापन और संतुलन लाते हैं, खासकर ODI/T20 में महत्वपूर्ण ।
4. Wicketkeeper
- स्टम्प्स के पीछे उंगलियों और दस्तानों के साथ खास खिलाड़ी।
- बॉल सिर से चूक जाने पर उसे रोकना, कैच लेना, स्टम्पिंग, रन आउट में सहायता देना इनकी जिम्मेदारी होती है ।
- अब आधुनिक क्रिकेट में keeper को हल्के बल्लेबाज़ भी माना जाता है – keeper-batsman भूमिका आम है ।
5. Fielders (Fielding Positions)
- गेंदबाज़ और विकेटकीपर के अलावा 9 अन्य खिलाड़ी मैदान में अलग-अलग स्थानों पर होते हैं।
प्रमुख स्थिति: Slip, Gully, Point, Cover, Mid-off, Mid-on, Square leg, Fine leg, Third man, Deep fielders जैसे Long‑on/off । - कप्तान और गेंदबाज़ मिलकर स्थिति तय करते हैं, मुकाबले की रणनीति के अनुसार स्थान बदलते रहते हैं ।
6. Captain & Vice-captain
Vice-captain: कप्तान की अनुपस्थिति में मदद करता है, चयन में सहायता, अनुशासन आदि में भूमिका रख सकता है Wikipedia।
Captain: मैदानी रणनीति, फील्डिंग प्लेसमेंट, गेंदबाज़ी निर्णय (कौन ओवर करेगा), टॉस, बल्लेबाज़ी/गेंदबाज़ी निर्णय सभी करते हैं ।
भूमिका | संख्या/टीप | जिम्मेदारी एवं कौशल |
---|---|---|
ओपनर (Batsman) | 2 (No.1 & 2) | नए गेंद को संभालना, स्कोर की शुरुआत |
मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ | 2–3 (No.3–5) | रन बनाना, संयम से खेलना, स्थिति संभालना |
फिनिशर / लोअर ऑर्डर | 1–2 (No.6–7) | तेजी से रन बनाना, pressure में प्रदर्शन |
ऑल‑राउंडर | 1–2 | दोनों विभाग में योगदान (bat + ball) |
गेंदबाज़ | 3–5 (Pacers + Spinners) | विकेट लेना, रन रोकना, विविधता प्रदान करना |
विकेटकीपर | 1 | कैच, स्टम्पिंग, रन आउट, field coordination |
फील्डर | 9 (शेष खिलाड़ी) | कैच पकड़ना, रन रोकना, relay throw आदि |
कप्तान / उप-कप्तान | 1 (+1) | रणनीति, field placements, bowling changes, निर्णय लेता है |
भारत में क्रिकेट में भविष्य बनाने के लिए नीचे दी गई स्पष्ट और चरणबद्ध मार्गदर्शिका आपकी मदद करेगी:
🛤️ 1. शुरुआत और प्रशिक्षण
◆ स्थानीय और स्कूल स्तर
- छोटे शहरों या गांवों में स्कूल, क्लब और लोकल टूर्नामेंट्स से शुरुआत करें।
- क्रिकेट academy से जुड़ें: उम्र 7–16 वर्ष तक serious training और coaching के लिए ideal होती है .
◆ प्रतिष्ठित क्रिकेट अकादमियाँ
- कुछ उल्लेखनीय संस्थान हैं: Sehwag Cricket Academy, MRF Pace Foundation, National Cricket Academy (Bengaluru), Cricket Academy of Pathans, Vengsarkar Academy, Karnataka Institute of Cricket आदि .
🎯 2. चयन प्रक्रिया और राज्य स्तर तक पहुंच
◆ Trials और आवेदन
- बहुत सी अकादमियों में इन-हाउस trials होते हैं जहाँ तकनीकी क्षमता, फिटनेस और attitude देखा जाता है .
◆ राज्य स्तर की चयन प्रक्रिया
- राज्य क्रिकेट संघ (State Association) द्वारा आयोजित district/state trials से गुजरें।
- चयन होने पर U‑14, U‑16, U‑19, U‑23 age‑group टीमों में जगह बनती है।
प्रदर्शन की आधार पर Ranji Trophy (First-class), Vijay Hazare (List-A), Syed Mushtaq Ali (T20) जैसे tournaments में खेलने का मौका मिलता है .
🧠 3. राष्ट्रीय और India A टीम तक की राह
◆ घरेलू प्रदर्शन
- Ranji Trophy, Duleep Trophy, India A, Emerging Teams जैसे खिताबों में अच्छा प्रदर्शन national selectors तक पहुँचाने वाला होता है।
उदाहरण: Manav Suthar, राजस्थान से Ranji में लगातार विकेट लेकर India A तक पहुंचा .
◆ BCCI-NCA प्रणाली
- National Cricket Academy (NCA), Bengaluru BCCI द्वारा स्थापित facility, चुनिंदा प्रतिभाओं को elite coaching, sports science, video analysis प्रदान करता है। चयन NCA‑के माध्यम से होता है और scholarships भी प्रदान की जाती हैं .
◆ Talent Scouting सिस्टम
- BCCI का पहले वाला Talent Resource Development Wing (TRDW) scouting मॉडल था, जिसका उद्देश्य rural और छोटे शहरों की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर लाना था .
💪 4. फिटनेस, मानसिकता और अनुशासन
- नियमित physical fitness, diet planning, strength‑stamina training और mental conditioning बेहद जरूरी है .
- Video analysis, self‑assessment, discipline और coachability आपकी यात्रा में अहम भूमिका निभाते हैं .
🌱 5. चयन से IPL और Team India तक
- अच्छे domestic प्रदर्शन के आधार पर IPL franchises आपको देखती हैं।
- India U‑19, India A जैसे चयन होने पर IPL और फिर टीम इंडिया तक पहुंच आसानी से बनती है .
- ध्यान दीजिए, चयनित खिलाड़ियों को BCCI से annual contracts मिलते हैं (Grade C‑to‑A+), लेकिन इसके लिए domestic cricket में निरंतर प्रदर्शन आवश्यक है .
📝 संक्षिप्त चरणबद्ध राह:
चरण | क्या करें |
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1. स्कूल/लोकल स्तर | स्कूल व क्लब टूर्नामेंट्स में खेलें |
2. Academy join करें | 10–16 उम्र में प्रशिक्षण लें—trials clear करना जरूरी |
3. District/State trials | राज्य क्रिकेट संघ की trials में भाग लें |
4. Domestic tournaments | Ranji, Vijay Hazare, Syed Mushtaq Ali आदि |
5. NCA या India A | Elite camps, scholarship, national exposure |
6. IPL & Team India | अच्छे प्रदर्शन से IPL चयन → टीम इंडिया |